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गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti ) भारतीय संस्कृति में धार्मिक और आध्यात्मिक रीति-रिवाजो की गहरी पारंपरिकता से जुड़ी है। हर त्यौहार और पूजा में विशेष धार्मिक आदतें होती हैं, जो उस त्यौहार या पूजा की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक ऐसी पूजा है गणेश चतुर्थी, जो भारतीय धर्म और संस्कृति के एक महत्वपूर्ण हिस्से को दर्शाती है। गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश जी की आरतीAMP (Ganesh Ji Ki Aarti) एक प्रमुख धार्मिक विधि है जो गणपति की आराधना करने वाले लोगों द्वारा की जाती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम गणेश जी की आरती की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जो इस धार्मिक आदत की महत्वता को समझाने में मदद करेगी।
गणेश जी हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं। वे ज्ञान और विवेक के देवता माने जाते हैं और समस्त देवी-देवताओं के प्रथम पूज्य देवता हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि वे सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने में सक्षम होते हैं। उन्हें ज्ञान, शक्ति और समृद्धि के प्रतीक माना जाता है और उनकी पूजा हर शुभ कार्य के आरंभ में की जाती है।
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गणेश जी की आरतीAMP गणेश चतुर्थी और दिवाली जैसे पर्वों में गणेश जी की पूजा के समय अधिकतर हिंदू लोगों द्वारा उतारी जाती है। यह पूजा विधि गणेश जी की महत्वता को बताने और उन्हें आशीर्वाद देने के लिए की जाती है। आरती का अर्थ होता है “भक्ति और पूजा के लिए प्रकाश लाना।” इस पूजा के दौरान एक विशेष प्रकार की पूजा विधि का उत्साह भी बना रहता है।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
“सूर” श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊँ बलिहारी ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
एकदन्त दयावन्त, चारभुजाधारी ।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
“सूर” श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊँ बलिहारी ।।
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गणेश जी की आरतीAMP गणेश जी की पूजा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। इस पूजा विधि के द्वारा भक्त गणेश जी को समर्पित होते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गणेश जी की आरती के द्वारा भक्तों को अपने दुखों और संकटों से मुक्ति मिलती है और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति मिलती है। गणेश जी की आरती के द्वारा भक्त अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने में सक्षम होते हैं।
गणेश जी की आरतीAMP, गणेश जी की पूजा में बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसके कुछ फायदे हैं। नीचे दिए गए हैं:
मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाने की विधि | Method of making clay Ganesh idol at Home
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गणेश जी की आरती। Ganesh Ji Ki Aarti 2023 pdf
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