ॐ जय जगदीश हरे आरती | Om Jai Jagdish Hare Aarti Hindi PDF 2023

इस पोस्ट में हमने ‘ओम जय जगदीश हरे आरती’ (Om Jai Jagdish Hare Aarti) के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। हमने आरती के इतिहास, महत्व और अर्थ के बारे में बताया है और साथ ही आरती के संगीत, परम्परा और उपयोग के बारे में भी बताया है। आप इस आरती को अपनी दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं और इससे आपको ध्यान और शांति मिल सकती है। आप इस आरती को घर में प्रतिदिन या विशेष अवसरों पर पढ़ सकते हैं और इससे आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।

ॐ जय जगदीश हरे आरती | Om Jai Jagdish Hare Aarti Hindi PDF

ओम जय जगदीश हरे आरती (Om Jai Jagdish Hare Aarti ) का इतिहास

ओम जय जगदीश हरे आरती'(Om Jai Jagdish Hare Aarti) हिंदू धर्म में प्रचलित एक आरती है जो सभी धर्मों के लोगों द्वारा उपयोग में लायी जाती है। यह आरती संसार के किसी भी कोने में रहने वाले व्यक्ति के द्वारा गाई जाती है। यह आरती देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और भगवान शिव की त्रिमूर्ति की पूजा के लिए भी उपयोग में लाई जाती है।

ओम जय जगदीश हरे आरती'(Om Jai Jagdish Hare Aarti) के इतिहास के बारे में कुछ विशेष ज्ञात नहीं है। हालांकि, इस आरती को प्राचीन काल से ही लोगों द्वारा गाया जाता रहा है। भारतीय संस्कृति में संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका होने के कारण, यह आरती संगीत के द्वारा अधिक लोकप्रिय हुई है। यह आरती भक्ति और समाज के संगठन में एक बड़ी भूमिका निभाती है।

इस आरती का गायन देशवासियों द्वारा धार्मिक कार्यक्रमों में भी किया जाता है और यह सभी उम्र के लोगों द्वारा बहुत पसंद की जाती है। यह आरती हर हिन्दू की  दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

ओम जय जगदीश हरे आरती (Om Jai Jagdish Hare Aarti ) का महत्व

ओम जय जगदीश हरे आरती’ (Om Jai Jagdish Hare Aarti) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण आरती है। यह आरती हमें विभिन्न धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आत्मनिर्भरता, समृद्धि, संतुलन, समरसता और संतोष जैसे गुणों को दिलाती है।

इस आरती का गायन करने से व्यक्ति की मनोदशा शांत होती है और उसकी मन की उछाल कम हो जाती है। इससे मनुष्य में आनंद की भावना उत्पन्न होती है। इस आरती को गाकर हम भगवान की प्रार्थना करते हुए उनसे अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। इससे हमारे मन में शांति, समरसता और तृप्ति की भावना उत्पन्न होती है।

इस आरती को गाकर हम अपने आसपास के लोगों के लिए भी शुभकामनाएं मांगते हैं। इससे हमारे आस-पास की माहौल में भी शांति और समरसता फैलती है। इस आरती को गाने से हम अपने संगीतीय और धार्मिक अनुभवों को अधिक समृद्ध करते हैं।

ओम जय जगदीश हरे आरती (Aarti Om Jai Jagdish Hare) का अर्थ

ओम जय जगदीश हरे आरती'(Om Jai Jagdish Hare Aarti) का अर्थ हमें भगवान की प्रार्थना करने के लिए बनाई गई है। इस आरती में सभी भगवानों की प्रशंसा की गई है। यह आरती हमें उन असंतुलितताओं से बचने की प्रेरणा देती है, जो हमें दुख और पीड़ा के कारण होती है। इस आरती में हम भगवान से समस्त सुख और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

ओम जय जगदीश हरे आरती के शुरुआती दोहे में हम भगवान से अनुरोध करते हैं कि वह हमें सभी प्रकार की संभावनाओं से बचाएं और हमेशा हमारा कल्याण करें। इसके बाद इस आरती में सभी भगवानों को भगवान विष्णु के नाम से पुकारा गया है।

फिर आगे चलकर इस आरती में हम भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि वह हमें सभी दुखों से मुक्त करें और हमें सदा सुख दें। इस आरती में भगवान को उनकी दया के लिए धन्यवाद दिया गया है जो हमेशा हमारी मदद करते हैं।

इस आरती में भगवान से हमें संतोष, शांति, समरसता और उनकी कृपा की मांग की गई है। इससे हमें यह बोध होता है कि हमें अपनी आत्मा को शुद्ध रखना चाहिए और दूसरों के साथ समरसता बनाए रखनी चाहिए। इस आरती के माध्यम से हम अपने दिनचर्या में समृद्धि और खुशी को आमंत्रित करते हुए भगवान की कृपा की प्रार्थना करते हैं। यह आरती हमें उन दुखों से बचने की सहायता करती है, जो हमें उन चीजों से दूर रखती हैं जो हमारे जीवन में संतुलन को बिगाड़ते हैं।

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ओम जय जगदीश हरे आरती (Om Jai Jagdish Hare Aarti ) का संगीत

ओम जय जगदीश हरे आरती (Om Jai Jagdish Hare Aarti) का संगीत बहुत सुंदर और भावपूर्ण है। इस आरती के संगीत को संगीतमय भाव और श्रद्धा के साथ गाया जाता है। इस आरती को विभिन्न भावों में गाया जाता है, जैसे कि धीरे धीरे और उत्साह से। इस आरती में बहुत सारी मंगलकारी बातें होती हैं, जो उसके संगीत के माध्यम से भक्तों के मनोभाव को उन्नत करती हैं।

इस आरती का संगीत साधारणतया चार अवर्तों में गाया जाता है। इसका उद्देश्य भगवान की महिमा को गाने और उनकी आराधना करने का होता है। इस आरती में संगीत की ऊंचाई धीमी होती है और उसमें शान्ति और सुकून का अनुभव होता है।

इस आरती के संगीत में बजाए जाने वाले वाद्य और ध्वनि यंत्र जैसे ढोल, ताल, वेणु, शंख, मृदंग और घंटी आदि इसे और भी सुंदर बनाते हैं। इससे भक्तों में आत्मीय संबंध और उनके मन में शांति का अनुभव होता है।

इस आरती के संगीत को सुनने से भक्तों में शांति, समाधान और आनंद की भावना उत्पन्न होती है। इसके बोल और संगीत का संयोग इसे बहुत ही खास बनाता है। इसके संगीत में बड़े ही सुन्दर राग हैं जो इसकी उच्चता को और बढ़ा देते हैं। इसे गाकर सुनने से भक्तों में भगवान के प्रति भक्ति बढ़ती है और वे उनसे और करीब हो जाते हैं।

आरती सुनने के लिये इस लिंक पर click करे ॐ जय जगदीश हरे आरती 

ॐ जय जगदीश हरे आरती | Om Jai Jagdish Hare Aarti Hindi PDF

ॐ जय जगदीश हरे आरती(Om Jai Jagdish Hare Aarti)।

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ ॐ जय…॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥ .

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥

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